आज आजाद भारत की बेपरवाही और गाँव में पसरे गुलाम ख्याल जो हर काम के लिए सरकार से उम्मीद लगाते है, हर बात के लिए दोष सरकार पे मढ़ते है, जो स्वाभिमान का गला घोंट भिक्षा रूपी सरकारी अनाजों, योजनाओं पर आँखे तरेरते है, सक्षम होते हुए भी बीपीएल में नाम जुड़वाने के लिए एड़ी रगड़ते है तो यह सोच के आश्चर्य होता है की इसी देश में जब साधन सन्साधन कम था, देश ब्रिटानियों का गुलाम था तो लोग भूखे रह लेते थे पर देश को आजाद कराने के लिए लड़ते थे, एक हथियार लैश सेना से तब हमारे वीर यूं ही भीड़ जाते थे, कुछ लोग मिलकर पुरे ब्रिटेन का चुल हिला देते थे और आज??
आज हमारे माननीय प्रधानमन्त्री जी देश को सम्बोधित करते हुए मेरिट को मौका देने की बात कह रहे, मतलब स्पष्ठ है अबतक सिफारिशों का दौर रहा है, उनकी बात जायज है, एकदम जायज बात है पर क्या आरक्षण का पोषण एक सिफारिश नहीं? आजादी के 68 सालों बाद भी अगर आरक्षण इस देश की जरूरत है तो फिर भूल जाए की यह देश कभी विश्व का नेतृत्व कर पाएगी।
चिंतन का विषय है की क्या आज का आज़ाद भारतीय क्या देश सेवा का वह जज्बा दिखा पायेगा? क्या यह देश लाचार, स्वाभिमानहीन सोंच से मुक्त हो पायेगा?? देश को सर्वस्व न्योछार करने वाले वीरों की फ़ौज खड़ी कर पायेगा? कभी यह देश जातीयता, धर्म के भेद भुला भारत और भारतीय बन पायेगा??
नमन उन वीरों को जिन्होंने अपना सर्वस्व लुटाकर इस देश को आजाद कराया, जिन्होंने निज स्वार्थ का बलि देकर इस भारत भूमि को गुलामियों से मुक्त कराया।
आजादी कागज पे नहीं हर सोच में हो,
देश को मजबूत करने का जज्बा हम सब में हों। शुभकामनाए
#StopGivingReservation
I am with you on the reservation aspect, it is killing us big time!
Thanku fr ur support.
वाह, बहुत अच्छा ….
धन्यवाद
😊