मेरे शब्द उसके ख्वाब लिखते है
और आँसू उसकी हक़ीक़त।
उसकी तस्वीरें दिल को सुकून देते है,
और उसकी याद दिल को तड़प।
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माफ करना मैं मशीन नहीं,
जो तुमको यूजर मैन्युअल दे दूं,
अगर तलब है तो उतरो आंखों में,
मैं तुमको प्यार का दरिया दे दूं।
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अक्सर हम लोगों का उपयोग करते है और मशीनों को समझते है जबकि जरूरत ठीक इसके विपरीत की है।
-श्री श्री (रविशंकर नहीं)
©सन्नी कुमार
-सन्नी कुमार
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