एक फ़ोन कॉल

हेल्लो…
हाँ मैं बात कर रहा हूँ, आप कौन??
जवाब: नॉएडा पुलिस
पुलिस…<@#$>, जी बताइये क्या हुआ, सब ठीक तो है न..
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जी मैं आकर आपसे थाने में मिलता हूँ, जी बिलकुल निश्चिंत रहे मैं आज ही आपसे मिलता हूँ..
इस दो मिनट की बातचीत ने  मेरी जान उड़ा दी, मेरे पास नॉएडा पुलिसे स्टेशन से कॉल आई थी और उन्हें शक है कि मैंने किसी लड़की का अपहरण किया है| मेरे समझ में ये नहीं आ रहा था कि उन्हें मुझपे शक क्यों हैं, जबकि मेरा न तो इस शहर में कोई खाश परिचित है और न ही मै इधर उधर में व्यस्त रहता हूँ| खैर जो भी हो, अब तो थाने जाकर ही पता चल पायेगा, कि ऐसा क्या घटा है जिसके कारन मैं शक के घेरे में हूँ|
इस वक़्त मेरे दिमाग में ये बात बार बार आ रही थी कि पुलिसवाले का फ़ोन शायद ही कभी कोई शुभ समाचार देती है और वही मेरे साथ भी हुआ है|
खैर दो घंटे बाद ही मै थाने पहुंचा और वहाँ अपने बारे में बताया वहाँ मुझे कोई जानने वाला न था और मुझे इन्तेजार करने को कहा गया| कोई आधे घंटे बाद मुझे एक कमरे में बुलाया गया और मुझसे एक ऑफिसर ने पूछा – कहाँ है लड़की??
मैंने उनसे पूछा कौन सी लड़की इतना सुनते ही वो बोले साना न बन वरना अभी पता चल जायेगा कौन सी लड़की?
मैंने उनसे बड़े विनम्र होकर पूछा कि किस लड़की के बारे में बात कर रहे है आपसब, मैंने अपनी बात भी ख़त्म नहीं कि थी कि उनमे से एक ने चिल्लाते हुए मुझसे पूछा- और कितनी को जानते हो? और फिर उन्होंने मुझे अपनी आवाजों और आँखों से डराना चाहा, जब मेरी अनभिज्ञता में उन्हें थोड़ी सच्चाई या नाटक नजर आई तब उनमे से एक बोला अभी भी बता दो, हमें पता है उस लड़की ने तुम्हारे नंबर से फ़ोन किया था और उसके बाद से वो नहीं मिली है| उनका इतना बताते ही मुझे मेरे पिछले रविवार कि सारी बातें फ्लैशबैक  में घूम गयी और मेरे समझ में आ गया कि क्यूँ मै आज थाने में फंसा हूँ और हमसे जो कुछ भी पूछा जा रहा है वो यूँ ही नहीं पूछा जा रहा है बल्कि इनकी कार्यवाई बिलकुल सही दिशा में जा रही है पर दुर्भाग्य है कि उस दिशा में हम जैसे अनजान लोग हैं जो शायद ही इनकी मदद कर पाएं….मैनी एक लम्बी सांस ली और उनसे आधे घंटे का समय माँगा ताकि  मैं उन सारी बातों को याद कर उन्हें बता सकू और उनकी मदद कर सकूँ..
तथ्यों को याद करने के बाद मैंने उनके पास गया और उन्हें जानकारी देने लगा जो इस प्रकार था-

 

रविवार का दिन था, इंडिया पकिस्तान के बिच एशिया कप का मैच खेला जा रहा था और मै भी औरो की तरह टीवी से चिपका हुआ था किन्तु चिढ इस बात से थी कि मेरे बॉस का बार बार फ़ोन आ रहा था और वो मुझे ऑफिस बुला रहे थे, खैर दुनिया जानती है बॉस को ना हम नहीं बोल सकते और मैंने टीवी बंद कर दी और तैयार होकर ऑफिस के लिया निकल पडा| चुकी ऑफिस के लिए मुझे अपने घर से निकल कर मेट्रो पकड़नी होती है और मेट्रो हमारे घर से १० मिनट कि दुरी पर है तो मै पैदल ही अपनी मोबाइल पे मैच कि कमेंटरी सुनता हुआ तेजी से मेट्रो कि और बढ़ रहा था तभी मुझे पीछे से किसी ने हाथ दिया, मैंने देखा कि एक घबराई सी लड़की मुझसे कुछ कहना चाह रही है, मैंने हेडफोन निकाला और उससे  पूछा कि क्या बात है, वो बिलकुल घबराई हुयी थी और उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं आपका सेल यूज कर सकती हूँ, मैंने बिना कुछ सोंचे उसे अपनी सेल दे दी|
उसने किसी को कॉल किया और सीधे उसे डांटने लगी कि मेरा सेल लौटा देना और मेरे रास्ते में मत आना  वरना अंजाम बुरा होगा,  फिर वो उससे कहने लगी कि मैं जानती हूँ कि तुने अभी मेरे घर वाले को भी लाइन पे ले रखा हुआ है किन्तु अब मैं किसी से डरने वाली नहीं… उसकी इन बातों को सुन मैंने उससे अपनी फ़ोन मांगनी शुरू कर दी क्यूंकि मुझे  उसकी बातें गंभीर और उलझाने वाली लगी और मैं किसी बिन बुलाये मुसीबत का हिस्सा नहीं बनना चाहता था किन्तु अब वो मुझे इग्नोर कर रही थी और अपनी बात को बढाए जा रही थी फिर मैंने उससे झूठ कहा कि मेरा रास्ता इधर से नहीं है और मैंने उससे अपनी मोबाइल ले ली और वही थोड़ी देर रुक गया ताकि वो चली जाये| बिलकुल मैंने उससे झूठ कहा था कि मुझे दूसरी दिशा में जाना है  चूकि मुझे भी उसी रस्ते से जाना था सो मै थोड़ी देर वही रुक कर उसके दूर चले जाने का इन्तेजार करने लगा|
उसके जाने के दो मिनट बाद मैं वहाँ से चला और अब  मैं मेट्रो स्टेशन की ओर बढ़ रहा था कि मैंने उसी लड़की को एक व्यक्ति से मोबाइल लेकर बातें करते देखा, अनायास ही मुझे हंसी आ गयी और उस व्यक्ति पे तरस| चुकि ये मेरे साथ पहली बार कुछ अजीब घट रहा था सो मैंने उस व्यक्ति के बाइक का नंबर नोट कर लिया(हाँ उस लड़की कि बातें सुन मुझे कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा हो रहा था और इसी कारन वश मैंने उसकी बाइक का नंबर नोट कर लिया)|
शाम के आठ बज रहे थे और अगली मेट्रो पांच मिनट बाद थी, पांच मिनट बीतते, उससे पहले ही वो लड़की भी प्लेटफार्म  पे आ गयी| हमलोग एक ही बोगी में सवाड़ थे और वो अब भी जल्दी में और घबराई सी लग रही थी, संयोगवश हम दोनों ही राजीव चौक  उतरे| राजीव चौक से मुझे सचिवालय के लिए मेट्रो लेनी थी, जो प्लेटफार्म पे खड़ी थी, मै भाग कर वहाँ पहुंचा किन्तु मैं सीढ़ी के पास ही अगली गाडी का इन्तेजार करने लगा चूकि इस गाडी में चढ़ने के लिए लोगों में होड़ लगी हुयी थी और जगह बस नाम मात्र का था| इसी बिच मेट्रो का पहला डिब्बा जो कि महिलाओं के लिए आरक्षित होता है, उस डिब्बे में एक छोटा सा बच्चा प्रवेश कर गया जबकि उसके घर वाले प्रवेश नहीं कर पाएं और दरवाजा बंद हो गया, इससे पहले कि गाड़ी खुलती उन्होंने गार्ड और चालक से बोल कर मेट्रो के दरवाजे  खुलवाये और बच्चे को बाहर निकाला, दरवाजा खुलते ही बच्चा और वो लड़की बाहर निकले, मेरी समझ में आ गया कि वो गलत मेट्रो में बैठ गयी थी, फिर वो लड़की भागते हुए कश्मीरी गेट कि और जाने वाली मेट्रो में बैठ गयी और हम दोनों दो दिशा में अपनी मंजिल कि और चल पड़े…
मेरी बात पुलिसवाले  बड़े शांत होकर सुन रहे थे और फिर उनका बारी बारी से प्रश्न आने लगा जिनमे कुछ का जवाब मैंने पहले दे दिया था और कुछ का मुझे मालुम नहीं था, फिर मैंने उनको उस उस व्यक्ति के बाइक का नंबर दिया जिसके मोबाइल से  उस लड़की ने बात कि थी| मैंने जो उन्हें जानकारी दी थी उससे सब संतुष्ट दिख रहे थे फिर भी उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ और याद आये तो बता देना और उन्होंने अपना एक मोबाइल नंबर भी दिया और साथ ही कहा कि हो सकता है तुम्हे आगा भी आना पड़े…

शेष जल्द ही…
(कल्पना और हकीक़त के बीच में गढ़ी हुयी रचना ..)
अपनी प्रतिक्रिया जरुर दें..

Education system needs changes??

So friends what do you think about our education system, are you also feel that it need some changes.. if you are in favor of change then please give your suggestions that what changes we need to make. I have some points which should be addressed and it must be change as it is affecting or ruining the whole education system.

Things Need to change are

  1. Education should be available for all, as there is many of villages in our country where not even a single educational institutes are available and many of people here who can’t afford this education, So government should find a complete solution for this (there is many of programs which are running by government but it is not enough).
  2. It must be affordable– We are observing that cost of education is increasing day by day and parents are suffering to get admission of their child according to their child’s talent.
  3. Government should centralise all state board or to form such organisation who will control and co-ordinate with all state boards.
  4. Courses should be more practical..(video classes are a positive steps taken by some schools).
  5. Reservation in education– very serious issue which must be readdressed.
  6. Number of resources must be increase- as we are world’s second populated country so we must have education resourced in the same ratio but it is unfoutunate that it is not upto the mark.
  7. Examination system should be also addressed- student should not analyze on his single day performace..

We are good but we can be better, what you say??

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