एक धुंधली तस्वीर बना रखी है

एक धुंधली तस्वीर बना रखी  है,
उसी को दिल में बसा रखी है,
ख्वाब से हकीकत में उसे लाने को,
हर राह सजा रखी है।

इन आँखों ने उनको न देखा है,
न इन कानो को उनकी मधुरता मालुम,
फिर भी इस दिल ने उनसे,
दोनों की पहचान करा रखी है।

न मालूम  मुझे उनकी अदाएं,
न झेले है अब तक कोई नखरे,
फिर भी ये दिल उनकी खुमारी के,
हसरतें सजा रखी है।

है वो हसीन सावन सी,
शबनम सी वो शीतल,
उसी नूर से  मिलने की,
अब आस लगा रखी है।

-सन्नी कुमार
[एक निवेदन- आपको हमारी रचना कैसी लगी कमेंट करके हमें सूचित करें. धन्यवाद।]

 

🙂 🙂 🙂 🙂 🙂

One thought on “एक धुंधली तस्वीर बना रखी है

Add yours

Feedback Please :)

Blog at WordPress.com.

Up ↑