When you are in deep sleep,
someone is thinking of you..
So much love and lust,
feeling on you..
You’re magical is his believe,
You’re only whom he lives.
You’re whom he dreams,
You’re the one whom he writes..
Blog by Sunny Kumar
When you are in deep sleep,
someone is thinking of you..
So much love and lust,
feeling on you..
You’re magical is his believe,
You’re only whom he lives.
You’re whom he dreams,
You’re the one whom he writes..
काश दीवारों के भी जुबान होते,
फिर हम उस महफ़िल में न बदनाम होते,
लोगों का दोष क्या कहे अब,
जब भीष्म मजबूरी का रोना रोते रहे,
और कौरव घिनौनी हरकतों पे हंसते रहे,
शुक्र है कि कल द्रौपदी को बचाने आये भगवान कृष्ण थे,
पर आज क्यों कृष्ण दीवारों में ही कैद रहे?
काश जिस इमारत ने देखी थी नीति और नियत मेरी,
उन दीवारों के जो जुबान होते,
फिर हम उस महफ़िल में न बदनाम होते…
-सन्नी कुमार ‘अद्विक’
मेरी अन्य कविताओं को गूगल करके पढ़ सकते आप, बस आप ‘Poems by Sunny Kumar’ लिख कर ढूंढे। अबतक लगभग 90000+ लोगों ने मेरे ब्लॉग को पढ़ा है आप पढ़े तो और अच्छा लगेगा। 🙂
Krishna Bless Us.
आज तू और आसमां, मुझपे दोनों ही मेहरबान है..
तुम्हारे एहसासों की गर्मी और ये बारिश की नरमी,
हर रिश्ते की गर्माहट, देती खुशियों की नई आहट,
सपनों से अपनों तक का करता आज सफर,
ये खूबसूरत लम्हें ही तो है, जिनपे करूं मैं खूब फकर..
आज तू और ये रेल, मुझपे दोनों ही मेहरबान है..
तुम्हारे दिल पे मेरा जोर, और इंजन के सीटियों का शोर,
है ये रोमांचकारी भोर, जो ले जा रहा सपनों की ओर,
सरपट दौड़ता ट्रेन का चक्का, और साथ तुम्हारा पक्का,
ये मिट्टी की ख़ुशबू वाला इत्र, और तुम्हारा मेरे कंफर्ट को लेकर फ़िक्र,
ये खूबसूरत यात्राएं हीं तो है, जिनका करूं मैं खूब जिक्र..
-सन्नी कुमार
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