अगर बधाई से फुर्सत मिले तो आज आप अपने बच्चों को आजादी के लिए किए गए संघर्ष को अवश्य याद दिलाए, उन्हें यह भी बताए कि 200 वर्षों तक देश अखण्ड रहा और स्वतंत्रता जब देहरी पर खड़ी थी तो किन स्वार्थियों ने, न केवल मुल्क के दो(तीन) टुकड़े किये बल्कि लाखों लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया।
आज अगर आपका बच्चा पूछे कि देश तो बापू ने आजाद कराया था वो भी बिना खड्ग बिना तलवार तो उनको अवश्य बताएं कि अंग्रेजों ने तब दरअसल एकदम से सत्ता न छोड़ी थी, न उनको यहां से पीट कर भगाया गया था, आज तो दरअसल सत्ता का हस्तांतरण हुआ था और फिर अगर ढूंढ पाए तो ढूंढ के मुझे भी अवश्य बताये की इस दिन हम 47 में क्या वाकई इंडिपेंडेंट हुए थे या हम एक क्रूर सत्ता से फ्री हुए थे, मुक्त हुए थे जिसकी अमानवीय कानून के चलते लाखों लोग भूख से मरे और हजारों उनसे लोहा लेते हुए शहीद हुये?
आज अंग्रेजी संदेशों की बाढ़ में कितने मैसेज पढ़े आपने पढ़े जिसमे “हैप्पी फ्रीडम डे” लिखा था? क्या वाकई फ्रीडम और इंडिपेंडेंस में कोई अंतर नहीं? इन सवालों के जवाब जरूर ढूंढे, और हाँ ये आपको किसी चाटुकार द्वारा लिखे किसी किताब में नहीं मिलेगा..
आप सब को आजादी मुबारक! इस उम्मीद के साथ कि आपने आज जो भी देशभक्ति की बातें की है उसे निभाएंगे और आजादी को आवारगी में न बदलेंगे न किसी को बदलने देंगे।
जय हिन्द
किस में इतना दम की अब तक गुलाम रखता,
भगत,आजाद,अशफाक,बोश की कुर्बानी बेकार करता,
आजादी तो हासिल कर ही लेते हम,
ये आजादी हमने देश के विभाजन के मूल्य पर पाई है,
बिना खड़ग बिना ढाल के नही ना ही आजादी भीख में मिली है,
ये आजादी हमने लाखों लोगों के जान गवांकर पाई है,
स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
Pranaam bhaiya
अच्छी सोच
आप को भी यौम ए आज़ादी मुबारक 🇮🇳🇮🇳🇮🇳