जब भी करनी हो मन को मन से बात,
भाषा हिन्दी होती है,
गूँजते है जो प्रार्थनाओं में बोल,
वो बोली हिन्दी होती है..
ख्वाब, जो खूब रिझाते है हमको,
उन ख्वाबों का माध्यम हिन्दी होती है,
जीवन के सोलहवें बसंत में,
जब सब कुछ नया-नया प्रतीत होता है,
उस जज्बातों के परिवर्तन में,
जो शब्द कागज़ पे अंकित होते है,
उनकी भाषा भी हिन्दी होती है..
माँ-बच्चे के बोली में,
बचपन की हर हमजोली में,
हम जो कहते सुनते है,
वो अपनापन हिन्दी होती है..
शब्दों का अंबार लिए,
सम्मानों की बात किए,
जो सबके दिल को छू जाए,
वो तो बस हिन्दी होती है..
-सन्नी कुमार
आप सबको हिन्दी दिवस (१४ सितंबर) की अग्रिम शुभकामनाएँ।
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बहुत सुन्दर लिखा he आपने
धन्यवाद मुझे पढ़ने के लिए
हिंदी दिवस पर बहुत ही अच्छी कविता है।
धन्यवाद
बहुत बढ़िया! हिंन्दी को इतना सम्मान देने के लिए दिल से आपका आभार।
धन्यवाद
bahut badhiya…….hindi hain ham hindi hamari jaan.
Dhanywaad sir
nice1
Thank You
Well done bhai
Thank You.