सच को छुपा देता हूँ..


सैकड़ों दफा लिखकर मैं मिटा देता हूँ,
सीने में है जो आग उसे मजबूरन बुझा देता हूँ,
डरता हूँ जल जाएगा कुछ मेरा भी,
बस इसी लोभ में सच को छुपा देता हूँ…

-सन्नी कुमार

8 thoughts on “सच को छुपा देता हूँ..

Add yours

Feedback Please :)

Create a free website or blog at WordPress.com.

Up ↑