वो जो अक्सर कहा करती थी
कि उसे मेरा चैप्टर नहीं बनना,
वो जिसको एक कामयाब किताब बनाने की हसरत थी मेरी,
वो हकीकत अब महज एक ख्वाब बनकर रह जायेगी।
वो जिसके जिक्र से महकता रहा हूँ मैं,
कल मुझसे दूर चली जाएगी,
मेरी किताब, मेरी हसरत, मेरा ख्वाब, मेरी हकीकत,
कल से सब अधूरी रह जायेगी,
कल तक जो मेरी थी, कल मुझसे दूर चली जायेगी।
-सन्नी कुमार
बहुत खूब लिखा है आपने।
आपका बहुत बहुत आभार
जो दिल के करीब होते है,वो दूर होके भी कभी दूर नहीं होते है…
Hamesha maujud hote hai.
HamarE bato’n,khwabo me…
Yaha tak har waqt dil o dimag me unka hi image rehta hai…
Aise lagta hai jaise wo hamesha are paas rehte hai….
बहुत सही
Thanx