तुम्हारे त्वरित सन्देशों से,
मैं खूब प्रफुल्लित होता हूँ,
प्रेम रस में डूबा चैटिंग,
जिसे बार बार मैं पढता हूँ,
दिख जाओ जो ऑनलाइन तुम,
झट से कुछ नया भेजता हूँ,
और जो मिल जाए फौरन जवाब मुझे,
दिल गुब्बारा हो मैं उड़ता हूँ।
दिल है दिल ये मांगे ‘ऑल’,
सो शुरू किया है वीडियो कॉल,
अब तुम्हारी प्यारी सूरत से मैं,
सुबह अपना चमकाता हूँ,
चांदनी रात में बाहर तुमसे,
घण्टो तक बतियाता हूँ..
तुम लिखती हो, मैं पढता हूँ,
तुम बोलती हो, मैं सुनता हूँ,
तुम हंसती हो, मैं खिलता हूँ,
पर तुम्हारे छुअन की हसरत,
दिल में ही रह जाती है,
महक तुम्हारे महसूस करूँ मैं
हसरत अधूरी रह जाती है..
सोंचता हूं कैसे पा लूं ये सब,
जवाब मिलता है,
तुम एक प्रेम पत्र भी भेजो न!
-सन्नी कुमार
एक बात तो है sirG भले ही आज के ज़माने चिठियाँ चले न चले पर प्रेम पत्र आज भी चलता है। चलता क्या दौड़ता है।
धन्यवाद मुझे पढ़ने और अपना विचार रखने के ल
Mast sir ji
Dhanywaad 🙂
बढिया है जी
शुक्रिया जी 🙂