दीदार हुआ आंखो को उनका,
और दिल ये, उनका हो गया.
उनकी मासुम सुरत पे
फिदा ये मेरा मन हुआ.
आता हर पल ख्याल है उनका
जो मिलती है बस सपने
जिनसे कभी बाते की नही पर,
जिनके चर्चे करता हूँ अकसर.
वो मिले कभी इसे दीवने से,
दिल कि ये एक चाहत है,
सुन ले वो इस दिल की धरकन,
इस दिल की बस एक मन्नत है.
ख्यालो मे उनके खोने लग़े है,
उनके यादो मे अब तो जीने ळ्गे है.
कभी तो मीलेंगे उससे,
यही सोच अब तो जीने ळ्गे है..
– सन्नी कुमार
Bhut khoob
Aabhar aapka 🙂